UPPSC Syllabus 2021: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) और सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) व क्षेत्रीय वन अधिकारी (आरएफओ) की परीक्षा आयोजित करवाता है। इस परीक्षा के माध्यम से राज्य सरकार की विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं जिसमें ग्रुप ए और ग्रुप बी के अधिकारियों का चयन किया जाता है।

UPPSC Syllabus 2021 in Hindi
यूपीपीसीएस कि यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है –
- प्रारंभिक परीक्षा – दो पेपर (बहुविकल्पीय)
- मुख्य परीक्षा – 8 पेपर (वर्णात्मक) और
- इंटरव्यू (मौखिक)
UPPSC Syllabus 2021 प्रारंभिक परीक्षा की तुलना में मुख्य परीक्षा का सिलेबस थोड़ा विस्तृत है। लेकिन यूपी पीसीएस की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को पीसीएस के पाठ्यक्रमों के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना चाहिए अर्थात प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा की तैयारी एक साथ करनी चाहिए क्योंकि इनमें अधिकांश विषय मिलते रहते हैं।
UPPSC सिलेबस 2021
यूपीपीसीएस के सिलेबस को जाने से पहले हमें इस परीक्षा के पैटर्न के बारे में जानना जरूरी है। यूपीपीसीएस के द्वारा पीसीएस की परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिसे हम सामान्य तौर से प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के तौर पर जानते हैं।
प्रथम चरण यानी प्रारंभिक परीक्षा में 2 पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। द्वितीय चरण यानी मुख्य परीक्षा निबंधात्मक/वर्णनात्मक प्रकार की होती है, इसमें कुल 8 प्रश्नपत्र होते हैं और अंतिम चरण अर्थात साक्षात्कार (Interview) जिसमे व्यक्तिगत साक्षत्कार का होता है।
UPPSC एग्जाम पैटर्न 2021
परीक्षा का नाम | प्रश्रपत्र (विषय) व समय | कुल अंक |
UPPSC प्रारंभिक परीक्षा | प्रथम प्रश्न पत्र (पेपर 1) : सामान्य अध्ययन 1, समय 2 घंटे (सुबह 9:30-11:30 बजे तक)द्वितीय प्रश्न पत्र (पेपर 2) : सामान्य अध्ययन 2 (CSAT), समय 2 घंटे (दोपहर 2 – 4 बजे तक) | प्रथम प्रश पत्र : 150 प्रश्नद्वितीय प्रश्न पत्र : 100 प्रश्न |
UPPSC मुख्य परीक्षा | पेपर 1 : सामान्य हिन्दी (परम्परागत) पेपर 2 : निबंध (परम्परागत)पेपर 3 : सामान्य अध्ययन 1(परम्परागत) पेपर 4 : सामान्य अध्ययन 2(परम्परागत) पेपर 5 : सामान्य अध्ययन 3(परम्परागत) पेपर 6 : सामान्य अध्ययन 4(परम्परागत) पेपर 7 : वैकल्पिक विषय (प्रथम प्रश्रपत्र)(परम्परागत) पेपर 8 : वैकल्पिक विषय (द्वितीय प्रश्रपत्र) (परम्परागत) | सामान्य हिन्दी – 150 अंकनिबंध – 150 अंकसामान्य अध्ययन (प्रत्येक प्रश्नपत्र) – 200 अंक अर्थात 4×200= 800 अंकवैकल्पिक विषय के (प्रत्येक प्रश्रपत्र) – 200 अंक अर्थात 2×200= 400 अंक |
UPPSC व्यक्तिगत साक्षात्कार | व्यक्तित्व परीक्षा/इंटरव्यू | 100 अंक |
UPPSC प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न –
प्रारंभिक परीक्षा के क्वालीफाइंग प्रकार की होगी। प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होंगे। पेपर 1 व पेपर 2, दोनों ही प्रश्नपत्र 200- 200 अंकों के वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) प्रकार के होंगे।
परीक्षा का नाम | UPPSC प्रारंभिक परीक्षा |
प्रश्न पत्रों की संख्या | 1. पेपर 1 – सामान्य अध्ययन 12. पेपर 2 – सामान्य अध्ययन 2 (सीसैट) |
परीक्षा का समय | परीक्षा एक ही दिन में दो पाली में होगी तथा प्रत्येक प्रश्नपत्र के समय – दो घंटे |
अधिकतम अंक | प्रत्येक प्रश्नपत्र 200 अंको का होगा |
प्रश्नों की संख्या | पेपर 1 : 150 प्रश्नपेपर 2 : 100 प्रश्न |
परीक्षा का प्रकार | ऑफलाइन (पेपर पेन) ओएमआर सीट |
प्रश्नों के प्रकार | सभी प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ/ बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे। |
UPPSC प्रारंभिक परीक्षा की महत्वपूर्ण बातें –
- मेरिट लिस्ट का निर्धारण पेपर 1 के प्राप्त अंकों के आधार पर होगा।
- पेपर 2 क्वालिफाइंग प्रकार का होगा तथा इसमें 33% अंक लाना अनिवार्य है।
- प्रत्येक गलत उत्तर के लिये ⅓ अंक काटे जायेगे।
- OMR सीट में एक से अधिक सर्कल भरने पर उसे गलत उत्तर समझा जाएगा और ⅓ अंक काटे जायेगे
- प्रश्नों को छोड़ने पर किसी भी प्रकार के अंक नही काटे जायेगे।
UPPSC सिलेबस 2021: PCS प्रारंभिक परीक्षा
प्रारंभिक परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है प्रारंभिक परीक्षा पास करके मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों के अंकों को अंतिम मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाएगा।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) और सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) व क्षेत्रीय वन अधिकारी (आरएफओ) की प्रारंभिक परीक्षा आईएएस की परीक्षा के सिलेबस समान है।
UPPSC Syllabus 2021 प्रारंभिक परीक्षा : प्रथम प्रश्नपत्र (पेपर 1)
- राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायें
- भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन
- भारत एवं विश्व का भूगोल- भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल
- भारतीय राजनीति एवं शासन- संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारिक मुद्दे (राइट्स इश्यूज) आदि
- आर्थिक एवं सामाजिक विकास-सतत विकास, गरीबी, अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि
- पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है
- सामान्य विज्ञान
- राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनायेंः राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाओं पर अभ्यर्थियों को जानकारी रखनी होगी।
- भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनः इतिहास के अन्तर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
- भारत एवं विश्व का भूगोलः भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोलः विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अन्तर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
- भारतीय राजनीति एवं शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, आधिकारिक प्रकरण आदि। भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अन्तर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।
- आर्थिक एवं सामाजिक विकास- सतत विकास, गरीबी अन्तर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशियेटिव आदि। अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके सम्बन्धों के परिप्रेक्ष्य में किया जायेगा।
- पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी सम्बन्धी सामान्य विषय जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तनः इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
- सामान्य विज्ञानः सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है।
UPPSC Syllabus 2021 प्रारंभिक परीक्षा : द्वितीय प्रश्रपत्र (पेपर 2 – CSAT)
- काम्प्रिहेन्सन (विस्तारीकरण)
- अन्तर्वैयक्तिक क्षमता जिसमें सम्प्रेषण कौशल भी समाहित होगा।
- तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता।
- निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान।
- सामान्य बौद्धिक योग्यता।
- प्रारम्भिक गणित (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय इस प्रकार है –
अंकगणितः
(1) संख्या पद्धतिः प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय-अपरिमेय एवं वास्तविक संख्यायें, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक
एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्यायें। पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवत्र्य एवं महत्तम समापवत्र्य तथा उनमें
सम्बन्ध।
(2) औसत
(3) अनुपात एवं समानुपात
(4) प्रतिशत
(5) लाभ-हानि
(6) ब्याज- साधारण एवं चक्रवृद्धि
(7) काम तथा समय
(8) चाल, समय तथा दूरी
बीजगणित
(1) बहुपद के गुणनखण्ड, बहुपदों का लघुत्तम समापवत्र्य एवं महत्तम समापवत्र्य एवं उनमें सम्बन्ध, शेषफल
प्रमेय, सरल युगपत समीकरण, द्विघात समीकरण
(2) समुच्चय सिद्धान्तः समुच्चय, उप समुच्चय, उचित उपसमुच्चय, रिक्त समुच्चय, समुच्चयों के बीच
संक्रियायें (संघ, प्रतिछेद, अन्तर, समिमित अन्तर), बेन-आरेख
रेखागणितः
(1) त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलम्ब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उनके गुण सम्बन्धी प्रमेय तथा परिमाप एवं
उनके क्षेत्रफल,
(2) गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा धन के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल।
सांख्यिकीः
आंकड़ों का संग्रह, आंकड़ों का वर्गीकरण, बारम्बारता, बारम्बारता बंटन, सारणीयन, संचयी
बारम्बारता, आंकड़ों का निरूपण, दण्डचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारम्बारता बहुभुज, संचयी बारम्बारता
वक्र, केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप- समान्तर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक।
General English (Upto Class X Level)
1. Comprehension
2. Active Voice and Passive Voice
3. Parts of Speech
4. Transformation of Sentences
5. Direct and Indirect Speech
6. Punctuation and Spellings
7. Words meanings
8. Vocabulary & Usage
9. Idioms and Phrases
10. Fill in the Blanks
सामान्य हिन्दी (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्म्लिित किये जाने वाले विषय
(1) हिन्दी वर्णमाला, विराम चिन्ह
(2) शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ
(3) शब्द-रूप
(4) संधि, समास
(5) क्रियायें
(6) अनेकार्थी शब्द
(7) विलोम शब्द
(8) पर्यायवाची शब्द
(9) मुहावरे एवं लोकोक्तियां
(10) तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार)
(11) वर्तनी
(12) अर्थबोध
(13) हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियाँ
(14) उ0प्र0 की मुख्य बोलिया
UPPSC मुख्य परीक्षा पैटर्न
प्रारंभिक परीक्षा को क्वालीफाई करने वाले छात्र मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे। अंतिम रूप से चयन के लिए मुख्य परीक्षा के अंकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। मुख्य परीक्षा में 8 प्रश्रपत्र होंगे जो कि वर्णात्मक प्रकार (पारंपरिक प्रकार) के होंगे। इस तरह से मुख्य परीक्षा 1500 अंकों की होती है। मुख्य परीक्षा के अंक अंतिम चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
पहले UPPSC की मुख्य परीक्षा बहुविकल्पीय प्रकार की होती थी परंतु 2018 में संघ लोक सेवा आयोग के आधार पर उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग ने भी मुख्य परीक्षा में बदलाव कर के मुख्य परीक्षा में केवल एक विषय और सामान्य अध्ययन के 4 विषय सामिल कर लिया और इसे बहुविकल्पीय से निबन्धात्मक/ वर्णात्मक/पारम्परिक प्रकार से कर लिया है।
UPPSC Syllabus 2021 : PCS मुख्य परीक्षा सिलेबस
UPPSC मुख्य परीक्षा में अब 8 पेपर होते है जो अंतिम चयन की मेरिट लिस्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
UPPSC Syllabus 2021 : मुख्य परीक्षा Paper 1 (निबंध)
निबंध हिन्दी, अंग्रेजी अथवा उर्दू में लिख सकते हैं।
निबंध के प्रश्नपत्र में तीन खंड रहेंगे प्रत्येक खंड से एक एक विषय पर 700 शब्दों में निबंध लिखना रहेगा। प्रत्येक खंड 50 – 50 अंकों का होगा।
तीन खंडों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित प्रश्न होंगे –
खंड (क)
- साहित्य एवं संस्कृति
- सामाजिक क्षेत्र
- राजनीतिक क्षेत्र
खंड (ख)
- विज्ञान पर्यावरण एवं प्रौद्योगिकी
- आर्थिक क्षेत्र
- कृषि उद्योग एवं व्यापार
खंड (ग)
- राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम
- प्राकृतिक आपदाएं एवं भूस्खलन भूकंप बाढ़ सूखा आदि
- राष्ट्रीय विकास योजनाएं एवं परियोजनाएं
UPPSC Syllabus 2021 : मुख्य परीक्षा पेपर 2 (सामान्य हिन्दी)
सामान्य हिन्दी
- दिये हुए गद्य खंड से प्रश्नोत्तर
- संक्षेपण
- सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र
- शब्द ज्ञान एवं प्रयोग
- उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग
- विलोम शब्द
- वाक्यांश के लिए एक शब्द
- वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि
- लोकोक्ति एवं मुहावरे
UPPSC Syllabus 2021 : मुख्य परीक्षा पेपर 3
सामान्य अध्ययन – 1
1. भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला प्रारूप, साहित्य एवं
वास्तुकला के महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।
2. आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई0 से 1947 ई0 तक)- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व एवं समस्याएं
इत्यादि।
3. स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले
महत्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
4. स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई0 तक)।
5. विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी से बीसवीं सदी के मध्य तक की घटनाएं जैसे फ्रांसीसी क्रान्ति 1789,
औद्योगिक क्रांति, विश्व यु़द्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति,
राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूॅजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद इत्यादि के रूप और
समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगें।
6. भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएं।
7. महिलाओं की समाज और महिला-संगठनों में भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएं, गरीबी और
विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय।
8. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज के अर्थ व्यवस्था, राज्य
व्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव।
9. सामाजिक सशक्तीकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
10. विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- जल,मिट्टियाॅ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में
(भारत के विशेष संदर्भ में)।
11. भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएं- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएॅं, चक्रवात, समुद्री जल धाराएं,
पवन एवं हिम सरिताएं।
12. भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता।
13. मानव प्रवास- विश्व की शरणार्थी समस्या- भारत- उपमहाद्वीप के संदर्भ में।
14. सीमान्त तथा सीमांए- भारत उप- महाद्वीप के संदर्भ में।
15. जनसंख्या एवं अधिवास- प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण,स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम।
16. उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान-इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, वास्तुकला, त्योहार, लोक-नृत्य
साहित्य, प्रादेशिक भाषाएं, धरोहरें, सामाजिक रीति-रिवाज एवं पर्यटन।
17. उ0प्र0 का विशेष ज्ञान- भूगोल-मानव एवं प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टियाॅं, वन वन्य-जीव, खदान
और खनिज, सिंचाई के स्रोत।
UPPSC Syllabus 2021 : मुख्य परीक्षा पेपर 4
सामान्य अध्ययन- 2
1. भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत
संरचना। संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका।
2. संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर
शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
3. केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में वित्त आयोग की भूमिका।
4. शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएं। वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रो का उदय एवं
उनका प्रयोग।
5. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना।
6. संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाॅ एवं विशेषाधिकार तथा संबंधित
विषय।
7. कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक
समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। जनहित वाद
(पी0आई0एल0)।
8. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
9. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियाॅ, कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व।
10. सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत- उनकी विशेषताएं एवं
कार्यभाग।
11. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के
कारण उत्पन्न विषय एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आई0सी0टी0)।
12. विकास प्रक्रियाएं-गैर सरकारी सगंठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह, विभिन्न समूह एवं संघ,
अभिदाता, सहायतार्थ संस्थाएं, संस्थागत एवं अन्य अंशधारक।
13. केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गो के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन
योजनाओं का कार्य- निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गो की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि,
संस्थान एवं निकाय।
14. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबधित
विषय।
15. गरीबी और भूख से संबंधित विषय एवं राजनैतिक व्यवस्था के लिए इनका निहितार्थ।
16. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस-अनुप्रयोग, माॅडल, सफलताएं,
सीमाएं और संभावनाएं, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय।
17. लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका।
18. भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके संबंध।
19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने
वाले करार।
20. भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का
प्रभाव।
21. महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्य भाग।
22. उ0प्र0 के राजनैतिक, प्रशासनिक, राजस्व एवं न्यायिक व्यवस्थाओं की विशिष्ट जानकारी।
23. क्षेत्रीय, प्रान्तीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक घटनाक्रम।
UPPSC Syllabus 2021 : मुख्य परीक्षा पेपर 5
सामान्य अध्ययन – 3
1. भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियाॅ, नीति (एन0आई0टी0आई0) आयोग की भूमिका,
संपोषणीय विकास के लक्ष्य, एस0डी0जी0 की प्राप्ति के प्रयास।
2. गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी संवृद्धि।
3. सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली।
4. प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भंडारण, ढुलाई एवं
विपणन, किसानों की सहायता हेतु ई-तकनीकी।
5. अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि सहायकी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण
प्रणाली-उद्देश्य, क्रियान्वयन, परिसीमाएं, सुदृढ़ीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भण्डार, कृषि सम्बन्धित
तकनीकी अभियान टेक्नालाजी मिशन।
6. भारत में खाद्य प्रसंस्करण व संबंधित उद्योग-कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान निर्धारण, उध्र्व व अधोप्रवाह
आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृखंला प्रबंधन।
7. भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् भूमि सुधार।
8. भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक संवृद्धि
पर प्रभाव।
9. आधारभूत संरचनाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि।
10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं अनुप्रयोग (दैनिक जीवन एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में, भारत की विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी नीति)।
11. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां, प्रौद्योगिकी का देशजीकरण। नवीन प्रौद्योगिकियों का
विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तान्तरण, द्विअनुप्रयोगी एवं क्रान्तिक अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियाॅं।
12. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंम्प्यूटर, ऊर्जा स्त्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव
विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता। बौद्धिक सम्पदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बन्धित
मुद्दे।
13. पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं
क्षरण, पर्यावरणीय संघात आंकलन।
14. आपदाः गैर-पारम्परिक सुरक्षा एवं संरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबन्धन।
15. अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियॅाःं आणुविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तन्त्र,
मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक तन्त्रीयता, साइबर सुरक्षा के आधार, मनी लाउन्डरिंग तथा मानव तस्करी।
16. भारत की आन्तरिक सुरक्षा की चुनौतियांः आतंकवाद, भ्रष्टाचार, प्रतिविद्रोह तथा संगठित अपराध।
17. सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन।
18. उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृष्य का विशिष्ट ज्ञानः- उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था का सामान्य विवरण,
राज्य के बजट। कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं भौतिक संसाधनों का महत्व। मानव संसाधन एवं कौशल
विकास, सरकार के कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजनाएं।
19. कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे।
20. उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में कानून एवं व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा।
UPPSC Syllabus 2021 : मुख्य परीक्षा पेपर 6
सामान्य अध्ययन – 4
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय अन्तः सम्बन्ध, मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्व, इसके निर्धारक और परिणाम: नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र। मानवीय मूल्य-महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
- अभिवृत्तिः अंर्तवस्तु (कंटेन्ट), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।
- सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर- तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करूणा।
- संवेगात्मक बुद्धिः अवधारणाएं तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान।
- लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र: स्थिति तथा समस्याएं, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्त्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिग) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक-निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां। उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)।
UPPSC Syllabus 2021 : वैकल्पिक विषय – दो प्रश्रपत्र (पेपर 7 & 8)
कृषि, प्राणी विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित, भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, भू विज्ञान, मनोविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, विधि, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान, सांख्यिकी, प्रबंध, राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध, इतिहास, नृविज्ञान, सिविल अभियांत्रिकी, यांत्रिक अभियांत्रिकी, विद्युत अभियांत्रिकी, अंग्रेजी साहित्य, उर्दू साहित्य, हिंदी साहित्य, संस्कृत साहित्य, वाणिज्य एवं लेखांकन, लोक प्रशासन, चिकित्सा विज्ञान।
व्यक्तित्व परीक्षा (Interview) (मौखिक परीक्षा)
यह परीक्षा 100 अंकों की मौखिक परीक्षा होगी। इसमे अभ्यर्थियों की सामान्य जागरूकता, बुद्धि परीक्षण, चरित्र, अभिव्यक्ति की क्षमता, व्यक्तित्व एवं सेवा के लिए सामान्य उपयोगिता की दृष्टि से सामान्य अभिरुचि के विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।